ई आपदा कू जीमैदर कूच
भौत सोची समझी मील
फिर ऐ गीत मील लगाई बल
ई आपदा कू जीमैदर कूच.................
गढ़ मेरु अब राज्य बणी
उत्तरांचल कू बल उत्तराखंड बणी
ई आपदा कू जीमैदर कूच.................
गैरसैण गैर व्हाई यख
मील तब भी केलै चुप रैई बल
ई आपदा कू जीमैदर कूच.................
ज्दगा गढ़ सिपैसलार बणया
निरज्क व्हैकी सींदा राया
ई आपदा कू जीमैदर कूच.................
योजना की यख फौज बाणी
पैली टेहरी यख डूब ग्याई बल
ई आपदा कू जीमैदर कूच.................
सुरुंगो ण सारु गढ़ खैण द्याई
सड़की णी बल पाड़े थे काट दयाई
ई आपदा कू जीमैदर कूच.................
जंगलात सब रुख सुखा दिख्यां
चोरों ण डाळा बल चोर द्याई
ई आपदा कू जीमैदर कूच.................
इत्गा बार विपदा ऐई यख
तिल मिल चुप रै की कया पाई
ई आपदा कू जीमैदर कूच.................
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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