एक श्रद्धांजली
शहीद श्रीदेव सुमन बडोनी
फिर खुद ऐ वोंकी
फिर खुद ऐ
जों देश ,गढ़ का खातिर
अपरी आहुति दै दीनी
फिर खुद ऐ वोंकी
फिर खुद ऐ .....
आज कू वो दिन थे
आज कू बार
हम थै छोड़ गैनी
सुमन जी कै घार
फिर खुद ऐ वोंकी
फिर खुद ऐ .........
२९ बरसा की उमरी
कै कै यत्ना सै
राजशाही विरोध मा
अल्पआयु ही गै
फिर खुद ऐ वोंकी
फिर खुद ऐ ..........
आंखी डबडबानी चा
जिकोडी रूणी जाणी चा
ते जनी अब मात भगत
फिर कब ये भूमी जमै
फिर खुद ऐ वोंकी
फिर खुद ऐ ............
श्रद्धांजली देणा व्हाला
अच हाथ भुत उठाला
वोंका बाटा मा हिटना वाला
आच तू क्ख्क लूके
फिर खुद ऐ वोंकी
फिर खुद ऐ .....
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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