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यूँ टूटा दिल


यूँ टूटा दिल

यूँ टूटा
आज मेरा दिल
सरे बाजार ध्यानी
मकबरे में
दफन होकर भी
ना मिलेगा
मुझे अब
आराम ध्यानी
सुन हो गयी
थी दुनिया मेरी
टूटकर गिरा
वो जब
इस सीने से
ना किसी
को भी कोई
आवाज आयी
रुक्सत हुआ
वो चुपचाप
वँह से
वो अंधेरों में
प्रेम पर मेरे
ना कोई
इल्जाम आये ध्यानी
यूँ टूटा
आज मेरा दिल
सरे बाजार ध्यानी

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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