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क्या होगा मेरा ?


क्या होगा मेरा ?

भूमी मेरी
बह ना था उसे वो बह गया
देर सवेर लूटना है तुझे वो तो लुट ही लेगा

भूमी मेरी
रहत के नाम पर बंटेगा खैरत
देर सवेर उसके घर भी आयेगी उसकी सौगात

भूमी मेरी
हाल चाल पूछेगा वो दो चार दिन
देर सवेर में वो गायब हो जायेगा उसके बाद

भूमी मेरी
दिखाव दिखावा वो करता रहेगा
देर सवेर बाद सब चुपचाप शांत हो जायेगा

भूमी मेरी
पांच बरस अब निकलेगी यूँ ही अपनी साँस
देर सवेर बाद वो भी पुन आ जायेगा हमारे पास

भूमी मेरी
बह ना था उसे वो बह गया
देर सवेर लूटना है तुझे वो तो लुट ही लेगा

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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