ये कैसा कांग्रेस
अपने मियां मीठू
बोल रहे सब विठो विठो
कंहा का ये जन और
ये कैसा कांग्रेस ...........
कोई खिलाये भर पेट अन्न
पांच या बारा रूपये साथ में
कंहा का ये जन और
ये कैसा कांग्रेस ...........
रशीद मसूद से राजबब्बर तक
कैसे झूठ बोलते हैं किस तर्क पर
कंहा का ये जन और
ये कैसा कांग्रेस ...........
कभी ३२ कभी ३३ रूपये में ये पेट
एक रुपये में भर सकते हैं
कंहा का ये जन और
ये कैसा कांग्रेस ...........
क्या बतलाना चाहते हैं
क्या जुठलाना चाहते हैं
कंहा का ये जन और
ये कैसा कांग्रेस ...........
गरीबी का मजाक
इन उड़ाते बयानों की भेंट
कंहा का ये जन और
ये कैसा कांग्रेस ...........
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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