अबी त
अबी त ठीख हाल छन
घार दुना की बात छन
अबी त ठीख हाल छन। ........
अबी त जामी डाली आस की
देख तेरा बिश्वास की
अबी त ठीख हाल छन। ........
अबी क्या हुलु क्वी जण्दु णी
पाड़े के अग्ने कैकू च्ल्दु णी
अबी त ठीख हाल छन। ........
अबी मा ही सब दडयूँ छा
तू भैर किलै खोजणू छा
अबी त ठीख हाल छन। ……
अबी त अपरा सबी छन
बीराणा हुणा क्न देर लगाण
अबी त ठीख हाल छन। ……
अबी त हारालू गढ़देश मेरु
बाद मा हरालू येळ क्या मिलण
अबी त ठीख हाल छन। ……
अबी त ठीख हाल छन
घार दुना की बात छन
अबी त ठीख हाल छन। ........
अबी त जामी डाली आस की
देख तेरा बिश्वास की
अबी त ठीख हाल छन। ........
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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