क्या मै आशावादी हूँ
आशा बसी दिल में
क्या मै आशावादी हूँ
खाकी पहनी मैंने
क्या मै गांधीवादी हूँ
आशावान जन जन
आशा देनेवाला है मन
कण कण रक्त कण
बहते बहते आज किधर
रक्तमय थी हिंसा है
अहिंसा की थी मुझे थोड़ी चिंता
फिर भी तन नही सुनता
क्या मै अहिंसावादी हूँ
जीवनानंद हूँ मै
आज कंहा खोया है वो आनंद
डूबा रहता हूँ गम में
जाने कौनसे समन्दर में
होगा कोई
आयेगा एक दिन वो
बैठा हूँ मै उस के सहारे
बन कर इस तरह बेसहारे
क्या मै आशावादी हूँ ?
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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