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मेरे उत्तराखंड में


मेरे उत्तराखंड में

राहत को छोड़
बस पूजा की दौड़ा
मेरे उत्तराखंड में

केदार खंड में
मेरे नेता की लगी होड़
मेरे उत्तराखंड में

जल्दी है कितनी
कितनी है ये उतावली
मेरे उत्तराखंड में

जाने उस मन में
क्या ? चल रहा घोल
मेरे उत्तराखंड में

जन की पूजा है ये
या बन में मचा हुआ शोर
मेरे उत्तराखंड में

दर्द को बिलखता छोड़
सिपै सलार चला किस ओर
मेरे उत्तराखंड में

मन मर्जी है उसकी
या खुदगर्जी है उसकी
मेरे उत्तराखंड में

या जाने खुदा मेरा
या जाने उसकी फौज
मेरे उत्तराखंड में

अब भी मशान भरा है
जलती चिता कहरा रही है
मेरे उत्तराखंड में

आवाज नही आती अब
उन कानों की ओर
मेरे उत्तराखंड में

राहत को छोड़
बस पूजा की दौड़ा
मेरे उत्तराखंड में

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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