जब अपने को
जब अपने को देखा
ना दिखा मुझे अब कोई पराया
जब अपने में ही दिखा मुझे
दिखा आज इतना पराया मै
कितना अकेला था मै
अकेला था मै कितना अपने से
अपना पराया भी
अब तक भी ना जान पाया
अहसास थोड़ा सा हुआ
आत्मा अपनी शरीर पराया
अनजाना था अपने से मै
प्रभु अब मै चरण तेरे
जब अपने को देखा
ना दिखा मुझे अब कोई पराया
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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