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आये हो फिर


आये हो फिर

आये हो फिर से मेरे घर भगवान
दे दो मुझको इन चरणों में स्थान

प्रथम हो पूज्य तुम श्री का धाम
नत मत्सक हूँ दे दो थोड़ा सा ध्यान

रिद्धी सिद्दी के तुम हो दाता
प्रभु मेरे हो तुम प्राणों के भाग्य विधाता

मात पिता से ज्ञान तुम पाये
बैठा हूँ पग तेरे मेरा मस्तक हर्षाये

कर्पा करो वो मेरे करुणा निधान
किस विधी पूजों ना जानो मै आपका ध्यान

भूल चुक माफ़ हो मेरे पालनहार
इस भवसागर से मेरी नैया हो पार

सदा रहूँ मै बस तुम्हारा बन दास
ऐसे ही इस तन विराजो माँ पार्वती के लाल

दस दिनों की मेरी सेवा करो प्रभु स्वीकार
शंकर के सुत मेरे गजानन भगवान

आये हो फिर से मेरे घर भगवान
दे दो मुझको इन चरणों में स्थान

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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