प्रीत मेरी
प्रीत मेरी
तू प्रीत नी रैगे
रैगे तू दूजी माया
मै प्रीत कैदू तैसे
तू कैनी प्रीत दूजी काया
प्रीत मेरी
तू प्रीत नी रैगे ……………….
आंखी मा सुपिन्या मेरा
बिसरी गै तू आजा
बाल पना की मेर प्रीत छुची
क्ख्क रौड़ी गे आजा
प्रीत मेरी
तू प्रीत नी रैगे ……………….
आंखी का सुपिन्या तेरा
दिखीले ले छुची तू आजा
सोची ना मेर सुपिन्या बाना
जा खूस रै वै घारा
प्रीत मेरी
तू प्रीत नी रैगे ……………….
खूस छों मी वीं का खुशी मा
की आच खुस छा आजा
मेर आंखी पाणी नी रुंदा
रुंदा रुंदा हैसणा छन वो आजा
प्रीत मेरी
तू प्रीत नी रैगे ……………….
प्रीत मेरी
तू प्रीत नी रैगे
रैगे तू दूजी माया
मै प्रीत कैदू तैसे
तू कैनी प्रीत दूजी काया
प्रीत मेरी
तू प्रीत नी रैगे ……………….
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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