तू आना बस एक कविता बनके
किसी ना किसी बहाने
तू आयेगी ये मौत मेरे पास तू चलके
ये मौत मेरी
आना तू बस पास मेरे तो एक कविता बनके
आरजू है बस मेरी इतनी सी
जब भी आना तू पास मेरे चलके
ये मौत मेरी
आना तू बस पास मेरे तो एक कविता बनके
ना डर के आना तू
ना तू डरा के आना पास मेरे
ये मौत मेरी
आना तू बस पास मेरे तो एक कविता बनके
देख दर्द ना हो तुझको जरा सा भी
ना हो दर्द हो मुझको जरा सा भी
ये मौत मेरी
आना तू बस पास मेरे तो एक कविता बनके
उन चंद पंक्तियों में मै जी लूंगा
उन चंद पंक्तियों बाद तू मुझे ले जाना तू साथ तेरे
ये मौत मेरी
आना तू बस पास मेरे तो एक कविता बनके
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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