ADD

आज


आज


इस दर्द को बहने दो
इन आंसूं को अब कहने दो
जी भर के रो लो तुम
इस गम को ना रोको तुम

ना रहे कोई गिला बाकी
ना कोई रोकेगा आज तुझको साथी
सहा है जो तूने इतना
उस सब्र बांध को टूटने दो
जी भर के रो लो तुम
इस गम को ना रोको तुम


रहा ना जाये कुछ तेरे मन में
वो तन्हा कोना तेरे जीवन में
निकाल ले उस उबाल को तू
एक कदम बड़ा उस जीवन में
जी भर के रो लो तुम
इस गम को ना रोको तुम

अपना होकर भी इस जग में
वो अकेला वो सफर तेरा
यह रीता पुरानी है प्रीत की
सब खोना है यंहा पाकर भी
जी भर के रो लो तुम
इस गम को ना रोको तुम

सब कुछ देना है यंहा
लेना यंहा आज कुछ भी नही
जीत है क्या और हार क्या
ये भेद तू ने जाना नही
जी भर के रो लो तुम
इस गम को ना रोको तुम

इस दर्द को बहने दो
इन आंसूं को अब कहने दो
जी भर के रो लो तुम
इस गम को ना रोको तुम

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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