ऊँ चप्लों का जोड़
टूटा फुट्या
चप्लों का जोड़
घिसरड़ी ….२ की
बाबाजी गै ….कै छोरा
ऊ टूटा फुट्या
चप्लों का जोड़
रचक छ्च्क
ऊँ का ऊ शोर
पल्या डंड तल्या डंड
हुणा छिन भाव विभोर
ऊ टूटा फुट्या
चप्लों का जोड़
उकालो फंदी
कबी उन्दरू दौड़ी कि
पुंगडी मा कबी हौलो जोती की
लेणु च धेसाण डाला तौली जी
ऊ टूटा फुट्या
चप्लों का जोड़
गौं मा कबीत
कबी बजार मा
आंदा जंद अब बी ऊ
मेरा ख्याला मा
ऊ टूटा फुट्या
चप्लों का जोड़
मेरा बाबाजी
ऊ मेरा मुल्क
क्ख्क छोंटीयुं होलो अब
ऊँ का ऊ चप्लों का जोड़
ऊ टूटा फुट्या
चप्लों का जोड़
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ