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मै रावण हूँ


मै रावण हूँ

हाँ राम के हाथों मारा गया हूँ मै
सोचा था की मै तारा गया हूँ

ना सोचा था मैंने कभी ये
यूँ हर वर्ष चौहराये पर मारा जाऊँगा

हाँ रावण हूँ मै
और अब रावणों के हाथों जलाया जाऊँगा

कैसा काल है कैसी विधि है
एक पापा की सजा क्या इतनी बड़ी है

दस सिरों से ना सोच पाया था मै
अब एक शीश धारी सब कर दिया है

अब रावण को राम बनना ही होगा
इतने रावणों की नाभि छेदना ही होगा

तब ही राम राज्य फिर आयेगा
मै रावण हूँ तब ही मुझे मोक्ष मिल जायेगा

हाँ राम के हाथों मारा गया हूँ मै
सोचा था की मै तारा गया हूँ

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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