दूर दूर तै दूर
बुरंस फूली प्योंली फूली
दूर तै दूर.....तै डंडियों मा
काफल पाकी हिंसोला पाकी
दूर तै दूर तै डालियुं मा
दूर क्ख्क दूर
यख भ्तेख दूर तै पहाड़ों मा
दौड़ी जा रे मन
छु णा कून ते नजारों थे
खुद ऐ दूर
दूर तै दूर तै गौंऊँ कि
याद छे तै थे अब बी
व्ख छोड्या ऊँ अपरू कि
आंसू णी गै गित
दूर तै दूर तै आँखयूँ मा
झोम्पा लगे थे तिल
तै गौल्युं तै रौल्युं मा
कंन प्रीत च
कंन बांधे ये रित च
धागा जीयू का जोड्यां
ईं कलजी दूर तैं कलजी मा
बुरंस फूली प्योंली फूली
दूर तै दूर.....तै डंडियों मा
काफल पाकी हिंसोला पाकी
दूर तै दूर तै डालियुं मा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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