फिर वे बाट हम
मी थे तू बथे ... .दे
क्ख्क नीच खैरी
मी थे तू बथे ... .दे
क्ख्क नीच पीड़ा
तू वे बाटो अब मी थे तू हिटे दे ......२
क्ख्क नीच खैरी
मी थे तू बथे ... .दे
यु जिन्दगी मा
छेंच उदासी
यु जिन्दगी मा
रुनु च भागी
खुशी क्ख्क हसदी
वख मी थे हसदे ते बाटो मी थे अब तू हिटे दे ......२
क्ख्क नीच खैरी
मी थे तू बथे ... .दे
छोड़ीकी आयूँ
वो तेरु छुटपन
छोड़ीकी आयूँ
वो तेरु बालपन
चल गेल्याँ जोंला फिर व्खी आच हम
वख नीच पीड़ा वख नीच खैरी
वख नी रुंदी आंखी ईं उदासी
चल गेल्या जोलां फिर वे बाट हम …५
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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