मेर बुरांस
बुरांस खिल्यां
ऊ डंडीयूँ-कंडियों मा.
हरी-भरी मेर धरती वा
मौल्यार बथों मा
बुरांस खिल्यां
ऊ डंडीयूँ-कंडियों मा......2
उकाळु का बाटों मा
बिखरयां पड्यां छन मेर बुरांस
लाल डाळ भगा मा ऊ
पसरयाँ पड्यां छन मेर बुरांस
देकि कि बी अन देकि कैगे
मेरा बुरंस फूलों थे छोड़ी कि तू कखक चल्गे
बुरांस खिल्यां
ऊ डंडीयूँ-कंडियों मा......2
डंडा मा कबी घास-लकडू सरणी
छनी मा कबी मौल वा सरणी मेर बुरांस
चूल्हा का आगी जनी वा जगणी
उंबरा मा बैठी कख व्हाली हेरणी मेर बुरांस
देकि कि बी अन देकि कैगे
मेरा बुरंस फूलों थे छोड़ी कि तू कखक चल्गे
बुरांस खिल्यां
ऊ डंडीयूँ-कंडियों मा......2
विपदा पीड़ा कि मारी
खैरी से ना कबी हैर मेर बुरांस
तै थे च ये बिस्वास
आला बिता दिन ये पहाड़ मेर बुरांस
बुरांस खिल्यां
ऊ डंडीयूँ-कंडियों मा.
हरी-भरी मेर धरती वा
मौल्यार बथों मा
बुरांस खिल्यां
ऊ डंडीयूँ-कंडियों मा......2
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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