ADD

पसरियुन चा समासुम


पसरियुन चा समासुम

अल छाला मा पल छाला मा
म्यारा गौं घारा गोठ्यार ऊँ का बाटा मा
कन पसरियुन चा समासुम
कखक बीरडियुं म्यारा मुल्क कू कौम

हरची हरची म्यारा टक्का हरची
कैल कमाणि बल बस हमल गमाणि
रेल लगी च डिबा बाद डिबा जोड्यां छन
ई रेल बस बल उत्तराखंड से भैर गया छन

बिज खते कण उपजे म्यारा खंड मा
पुंगडू कू उजाड़ा दीकि डंडो थे बाँझ कैकि
हेरर्दी घेरदि पेरदि ऊ आँखि पाड़ा कि
टिप टिप रैगे यकुली मा ऊ कुचलि मेरी

अल छाला मा पल छाला मा
म्यारा गौं घारा गोठ्यार ऊँ का बाटा मा
कन पसरियुन चा समासुम
कखक बीरडियुं म्यारा मुल्क कू कौम

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ