पसरियुन चा समासुम
अल छाला मा पल छाला मा
म्यारा गौं घारा गोठ्यार ऊँ का बाटा मा
कन पसरियुन चा समासुम
कखक बीरडियुं म्यारा मुल्क कू कौम
हरची हरची म्यारा टक्का हरची
कैल कमाणि बल बस हमल गमाणि
रेल लगी च डिबा बाद डिबा जोड्यां छन
ई रेल बस बल उत्तराखंड से भैर गया छन
बिज खते कण उपजे म्यारा खंड मा
पुंगडू कू उजाड़ा दीकि डंडो थे बाँझ कैकि
हेरर्दी घेरदि पेरदि ऊ आँखि पाड़ा कि
टिप टिप रैगे यकुली मा ऊ कुचलि मेरी
अल छाला मा पल छाला मा
म्यारा गौं घारा गोठ्यार ऊँ का बाटा मा
कन पसरियुन चा समासुम
कखक बीरडियुं म्यारा मुल्क कू कौम
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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