मेर प्रित
अजाणि प्रित
हो हो हो हो अ
कण अजाणि प्रित
कण ये मेरे अजाणि प्रित
ये मणमा बसि गे
आँखयूंल माया जोड़ीळे
मेरु पाड़ो मित
कण ये मेरे अजाणि प्रित
घुघुती गाणि छे गित
ये डंडा धरु मा
ऊंचा हिमालू मा
कण ये मेरे अजाणि प्रित
लूछे गै जियु मेरु
गदनियूं कू ठण्ड धारों मा
बुरंस प्योंळि घारो मा
कण ये मेरे अजाणि प्रित
ये मेरु मैता
ये मेरु सौरासा
मातृ भूमि मेरु पाड़ा
कण ये मेरे अजाणि प्रित
कण जोड़ी ये रित
ये मेर प्रित
ये मेरा अपरु से
कण ये मेरे अजाणि प्रित …… ३
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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