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मेरु गेडु मेरु गेंदू


मेरु गेडु मेरु गेंदू

मेरु गेडु रैगे छेडू रैगे छेडू रै
उकाळु मा नि अटकी ऊंदरु दौड़ी गै नि दौड़ी गै नि रै
अंग्वाल कद्ग ले नि गण्डलू कद्ग कद्ग गण्डलू गै नि रै
मेरु गेंदू अटगि रैगे गे अटगि रैगे गे रै
मेरु गेडु रैगे छेडू रैगे छेडू रै

धागा टूट गे नि कच्चा छिन छूट गे नि छूट गे नि रै
एका एक मा लूट गे नि अल्झी गे फंसा गे नि फंसा गे नि रै
गौलौ मा ऊबि गे नि गौली तिसी रे गै नि तिसी रे गै नि रै
मेरु गेंदू अटगि रैगे गे अटगि रैगे गे रै
मेरु गेडु रैगे छेडू रैगे छेडू रै

छोड़ी गे भगि गे रे पालि बदलि गे नि बदलि गे नि रै
पौद जमगि बडू व्है गे फल पाक़ि भैर बौड़ि गे नि भैर बौड़ि गे नि रै
आखर पसरिगे नजरि भैर बौगी गे गदनी सि बौगी गे गदनी सि रै
मेरु गेंदू अटगि रैगे गे अटगि रैगे गे रै
मेरु गेडु रैगे छेडू रैगे छेडू रै

कख्क जा के रुके नि क्ख्क जा कि थमे नि थमे नि रे
कण सिमटाल कब रुकला जै की गंया कब परतला कब परतला रे
बैठ्युं च दारा मा मंदरा मा ऊ चौका मा ऊ चौका मा रे
मेरु गेंदू अटगि रैगे गे अटगि रैगे गे रै
मेरु गेडु रैगे छेडू रैगे छेडू रै

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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