ब्यौ करादे
ब्यौ करादे,ब्यौ करादे
ये बोबा मेरु ब्यौ करादे
जनि बी व्हाली वा
लाटी काटी मेल करदे
मेरु घोर बस्दे
ये संसार दिखेदे
ये बोबा टिपडा मिलादे
बरखा बॉडी
जिकुड़ी कु ले दौड़ी
ये मन भीगे गै
ज्वानी कु बिज रुतेगे
ये बोबा रिश्ता जोड़िदे
ह्युंद पौड़ी
जड़ु नि मि गरठि
ब्याण बठी पौद जमगी
वैमा खौत लगेदे
ये बोबा रखवैल करेदे
चैत कि बहार
बुरंसा कि लगवाल
पक्या काफल पहाड़
मेरु मन कु मंडवाल
ये बोबा सैरा चढ़ादे
ढोल दमु बजे दे
मसु बाजा सुरेल ताना सुनेदे
तुरतुरी बजेदे, अरसा पकेदे
डोला मा चढ़े दे
ये बोबा बारात पठेदे
ब्यौ करादे,ब्यौ करादे
ये बोबा मेरु ब्यौ करादे
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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