ADD

अपरि भाषा बोल्दै


अपरि भाषा बोल्दै

ई अंग्रेजी ई अंग्रेजी
ई अंग्रेजी खै गे मेर बोलि थे
गढ़ कि झोळी थे
ई अंग्रेजी नि

घ्याळ अपण छों
औरि ह्वे गे छे देकि ईं कि दैल फ़ैल
लुचि ली गे छा वा मेरु पुंगडु मेरु बैल
ई अंग्रेजी नि

जी बड़ी मुस्किल व्हैगै
लेक दौड़ि दौड़िक ले जाणि छे
वा अपण तरफ
ई अंग्रेजी नि

क्वी नि जाणद अपरि गढ़ भाष
मंत्री , संतरी अर चपड़ासी सबि ऊं तैं
बुल्दन देकि अंग्रेजी भाष
ई अंग्रेजी नि

नौकरी पर लगिन
अंग्रेजी त यख बि अगिन
ऊँन पब्लिक सर्विस सरकारी दफतर
ई अंग्रेजी नि

सब बगत कि बात च
छौं मि सात या मेर वा अंग्रेजी
मेर दगड तैं ह्वावन। अस्तु वूं व्हैगै
ई अंग्रेजी नि

बुल्दा छा कि भाग्य का वजै
बणी गेन निथर व त कै संगे
लोगुन ऊंक नाम मा अंग्रेजी
ई अंग्रेजी नि

धौर दे सब जिकुड़ी खोल दे
खुस छन भले ही दि सब
खतम कौर दे अपरि गढ़बोलि बोल्दै
ई अंग्रेजी नि

हो पण वो अबि बि त अपरि
बोई -बोलि गढ़वाली -कुम्मयों दादा
उत्तराखंड्यूं मेर भूलूं
ई अंग्रेजी नि

तैं नापणो तराजू तौलि कि
खैकर अर सिरतानी बिच बाजार मा
तौळ छौंपि दे यख गढ़ बोली कि मेर दीदी
ई अंग्रेजी नि

कौर दे हाँ !"
गढ़ बोली कु हि ये बोई पैलू कौर दे
रौब दाब का मेर पाड़ा जनि रौब दे
ई अंग्रेजी नि

पथरड्या बांज पुंगड़
समिण पासंग बि नी च
सीधा इन किलै नि बुलणा छां
मितरा मेर पाड़ी भासा बोल्दै

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ