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वो पहाड़ मेरा


वो पहाड़ मेरा

एक तरफ है जिमेदारी खड़ी
एक तरफ वो पहाड़ मेरा

एक तरफ वो उजाड़ा खड़ा
एक तरफ वो बहार कि और बढ़

एक तरफ कदम वो छूट रहे
एक तरफ वो कदम चले जा रहे

एक तरफ मनमाया खड़ी
एक तरफ जगमाया से जंग छिड़ी

एक तरफ मैं दूजी तरफ वो
किसको छोङो किसको अपनाओं

बस मेरे पहाड़ में ये सवाल खड़ा
एक तरफा मैं वो ख्याल मेरा

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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