कया आलू त्यार पिछने
ब्याळि बोलि मि
बोलि भोळ यख
जखम लिख्युं छ
भाग मा कख क्ख्क
बाच ले ये भाग
ज्युओंदगि कि जेल मा
कैल समोंण कैल ले जाण
सब रै जाणु भोळ यख
क्वी नि अपरु
ना ई यख मा क्वी परायु
गैरा लगणा किले इतगा
सोंसारा का नाता किले यख
ह्वे सकद सब-कुच
मिल बि जालू ऊ तेथे यख
मिल के ऊ बिरानू
कया आलू त्यार पिछने
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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