ADD

कया आलू त्यार पिछने


कया आलू त्यार पिछने

ब्याळि बोलि मि
बोलि भोळ यख
जखम लिख्युं छ
भाग मा कख क्ख्क

बाच ले ये भाग
ज्युओंदगि कि जेल मा
कैल समोंण कैल ले जाण
सब रै जाणु भोळ यख

क्वी नि अपरु
ना ई यख मा क्वी परायु
गैरा लगणा किले इतगा
सोंसारा का नाता किले यख

ह्वे सकद सब-कुच
मिल बि जालू ऊ तेथे यख
मिल के ऊ बिरानू
कया आलू त्यार पिछने

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ