मर जाना
किसी पल
चला जायेगा ये रैन बसेरा तेरा
नष्ट हो जायेगा
ये पल में खेल तेरा
ना मुहर लगाई
ना छाप छोड़ जायेगा
गुज़र जाना है उस पल को
उसमे तू क्या पायेगा
टूटना है उसमे तुझे
या फिर सो जाना तेरा
शिकायत करना वो तेरा
बस उस चेतनाशून्य खो जाना हुआ
किसी पल
चला जायेगा ये रैन बसेरा तेरा
नष्ट हो जायेगा
ये पल में खेल तेरा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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