तेरी तस्वीर देख कर
दिल से
ये शब्द उभर आये
तेरी तस्वीर देख कर
जब सामने आये तू
तो क्या होगा इसको
तुझको देख कर
दिल से
ये शब्द उभर आये
माना अभी तू बेजुबां है
पर इसमें भी तेरी जुबां है
बांते करती है वो मुझसे से अकेले में
ये ही तू तेरी वो अदा है
जब वो बात करेगी मुझसे सामने
तो क्या होगा इसको
दिल से
ये शब्द उभर आये
आईना है एक ये
कागज का बना हुआ
देखाता हूँ तुम को मै
खुद से यूँ जुडा हुआ
जब आईने तू निकल आयी
तू क्या होगा मुझको
दिल से
ये शब्द उभर आये
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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