मेरा मतलब
खेल देखे खेल के
इस दुनिया के मैदान में
मेरा मतलब
तब करे मुझसे तलब
देख वो
हारे हारे हैं नजारें
हारी है ये फिजायें खड़ी हैं
हारा एक एक पेड़ यंहा
अब इस बहार में
देख वो
ऊँची मीनारों से
से वो झुगी सहमी डरी सी लगी
तेरे आज के शहर से
मेरा गाँव रूठा अकेला खड़ा दिखा
देख वो
मौसम बिछड़ा
अपना सिकुड़ा सा लगा
दो कदम दूर खड़ा था वो
जो दिल कभी अपना था
देख वो
जब वो छूट गया
किसी लहमे मे वो टूट गया
अब याद आया वो
पछताये वो मेरा मतलब
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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