हमें अब भी तुम से प्यार है
इतना इंतजार है
तन्हाई बेकरार है ……२
लहरों को गिनते गिनते
सागर का बुरा हाल है
हमें अब भी तुम से प्यार है........
ओढ़ ली सुनहरी किरणों ने
वो कली सी अब चादर
शाम छोड़ चली है
अब मुझे वो मेरे हाल
हमें अब भी तुम से प्यार है........
टीम टीम तारे जागे
दुधेली चाँद के वो साथ साथ
अब भी खड़ा हूँ मैं वंहा
मुझे मेरे चाँद का इंतजार है
हमें अब भी तुम से प्यार है........
कुछ कारण होगा
इसलिये शायद ना आयी वो
सोच सोच कर रात गुजरी
सुबह हुयी अब नई सोच का संचार है
हमें अब भी तुम से प्यार है........
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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