अपने से लगा रहा
सब तोड़ते
जोड़ता कोई नही …२
बोल देते
सोचता कोई नही …२
सब तोड़ते
जोड़ता कोई नही
अपने से लगा रहा अपने से लगा रहा
चुप रहता
वो क्या कहता …२
छोड़ के अकेला
वो चल देता …२
सब तोड़ते
जोड़ता कोई नही
अपने से लगा रहा अपने से लगा रहा
प्रेम करले
खुद से डर ले …२
जोड़ना आ जायेगा
प्रेम के लिये छोड़ना आ जायेगा …२
सब तोड़ते
जोड़ता कोई नही
अपने से लगा रहा अपने से लगा रहा
अपने मरते
सब हैं हँसते …२
मिल के रो ले जरा
जीना तुझे आ जायेगा …२
सब तोड़ते
जोड़ता कोई नही
अपने से लगा रहा अपने से लगा रहा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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