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किसी की कुछ कही बातें



किसी की कुछ कही बातें

किसी की कुछ कही बातें .... ३
दिल को इतना दुःख दे जाती है
सोचाता हूँ अब वंही बातें
असलियत में जीना सिखा जाती हैं
किसी की कुछ कही बातें .......

बेपरवाह था मै लहरों की तरह.... ३
किनारों के थपेड़ों से यूँ ही लड़ता रहा
सीखा ना पाया उन से बी कुछ
यूँ ही उम्रदराज मैं भटकता रहा
किसी की कुछ कही बातें .......

अब आखिर में आया तू यकीन आया.... ३
गुले-गुलिस्तान की ये छिपी हकीकत
पर्दा अक्ल में पड़ा रहा यूँ ही सदियों से
जो दिख राह मै उसको ही समझ ना पाया
किसी की कुछ कही बातें .......

किसी की कुछ कही बातें .... ३
दिल को इतना दुःख दे जाती है
सोचाता हूँ अब वंही बांते
असलियत में जीना सिखा जाती हैं
किसी की कुछ कही बातें .......

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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