ADD

अधूरी लगे ये जिंदगी



अधूरी लगे ये जिंदगी

अधूरी लगे ये जिंदगी
क्यों ना पूरी लगे ये जिंदगी
कैसी है तेरी ये खुदी
अधूरी लगे ...............

खाली खाली सब लगता है
साथ साया फिर अकेला क्यों है
चलता ही रहता वो पीछे पीछे
अधूरी लगे ...............

भरा भरा सा मन
महफ़िल है या तन्हाई है
मिलन हो या जुदाई
अधूरी लगे ……………

पाना भी वैसा खोना भी वैसा
जीवन जैसे कोई टूटा सपना
निकल गया आगे या कोई रह गया पीछे
अधूरी लगे ……………ये जिंदगी ये जिंदगी ये जिंदगी

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ