थले थले इस दिल में
पानी पानी बुल बुले
फीके फीके उबले
थले थले इस दिल में
सुबह या शाम
रात का लिखा नाम
तारे क्या कम गिने हैं
हल्के हौले वो बोले
मन के साथ वो डोले है
नसों में जो वो दौड़े है
तेरा प्यार सा
शरबती सा नाम
कहता बिना तेरे क्या काम
पानी के बुल बुले
फीके फीके उबले
थले थले इस दिल में
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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