ADD

ये घुघूती तू





ये घुघूती तू

मि यखी छों
तू क्ख्क बौड़ी गै ई
ये घुघूती तू
किले गौलि उबै गै ई

कुलांस नि
लगे छै च छूई
वि आमे की
डाली यकुली रोई

देक जक बि
वै तू सुण मेरी बाता
देर ना कैर झट ऐ
देक छुटू नि खानु भाता

बुरंस नि फुलणु
काफल नि पकेनि
देक बौजी रैगी बाटू हेरी
तै बिगर कैल रैबार पठेनि

ऐ जा ऐजा
ना इनि दुरी जा घघुति
पाडे थे छुडी
तू ना इनि ना रुसी जा

मि यखी छों
तू क्ख्क बौड़ी गै ई
ये घुघूती तू
किले गौलि उबै गै ई

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ