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जीकोडी मेरी



जीकोडी मेरी

धड़ धड़ बजणी
मेरी ईं जिकोड़ी जी
कैक बाण
किले की ई
दिन रति इनि कटणी
ईं जिकोड़ी मेरी

पैल बी मि समझ नि पैई
अब बी मिथे समझ नि ऐई
किले की कनि ऐ धक धक
ईं जिकोड़ी मेरी
धड़ धड़ बजणी
मेरी ईं जिकोड़ी जी

अपरी घोल म अटक्यूँ छों
अपरा अपरुँ थे मि बिसरी गियुं
झर झर किले कनि आँखि मेरी
किले ईं रुणि जिकोड़ी मेरी
धड़ धड़ बजणी
मेरी ईं जिकोड़ी जी

धड़ धड़ बजणी
मेरी ईं जिकोड़ी जी
कैक बाण
किले की ई
दिन रति इनि कटणी
ईं जिकोड़ी मेरी

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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