हर एक खड़ा है राह में तेरे
हर एक खड़ा है राह में तेरे
मुख मुख लिये तेरा गान है हे माँ वंदे मातरम
सुजलम् सुफलम् मलयज शीतलम् वंदे हिन्दुस्तान है
तीन रंग में रंगा है बस ये रंग हर दिल चढ़ा है
ले नीला अशोक चक्र इस गोद पर हे माँ वंदे मातरम
सुजलम् सुफलम् मलयज शीतलम् वंदे हिन्दुस्तान है
केसर स्वेत हरा रिश्ता बड़ा है गहरा
सुनो सरों रहे चहुं दिशा सुरक्षित हे माँ वंदे मातरम
सुजलम् सुफलम् मलयज शीतलम् वंदे हिन्दुस्तान है
बस ये रंग चढ़े हर दिन हर वक्त ये बहे
ना मिले कोई संग फिर भी ये हर नस नस में बहे हे माँ वंदे मातरम
सुजलम् सुफलम् मलयज शीतलम् वंदे हिन्दुस्तान है
हर एक खड़ा है राह में तेरे
मुख मुख लिये तेरा गान है हे माँ वंदे मातरम
सुजलम् सुफलम् मलयज शीतलम् वंदे हिन्दुस्तान है
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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