झंगोरा कि खीरी औ
झंगोरा कि खीरी औ
देकि लटपटाणु लागि छटपटाणु लागि
यु मेरु जी गडुली को तांसूं औ...ह
दबोड सबोड़ करि ओंला गेल्या
पक यु पोट्गो भोरी ओंला गेल्या
कन मचलू देकि कि मेर जीयु कि डाली औ...ह
झंगोरा कि खीरी औ..............
झंगोरा की दाणी दूध और्री पाणी
गुड चिनी और छंछा को छरा
आगि कु लागि वै मा झस्का औ...ह
फाड़ फाड़ पकिनी लगी वा
सुर सुर सरैनी लगी वा
अंतडा पंतडा म्स्लण लगी अफरी औ...ह
झंगोरा कि खीरी औ..............
ऐजा तू बि ऐजा मेरा पाड़ा मेरा गढ़वाला ऐजा
कन मिललु मिसालु इनि सझा
पंगत डाली की खाणा कु मजा औ...ह
समलोंणया रैगे वो बिता दिनी
आपरा सबि अब परै वहैगेनी
अब बस चित्रा दिकणी झंगोरा कि खीरी औ...ह
झंगोरा कि खीरी औ..............
झंगोरा कि खीरी औ..............
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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