ADD

देकि ले


देकि ले

देकि ले देकि ले
गेल्या आ देकि ले
ये मेरा हिमाल यख पसरयाँ
ये हैरा भैरा बुग्याल
देकि ले देकि ले
गेल्या आ देकि ले

झट अंदि झट जांदी ये ब्यार
झट अंदि जांदी ब्यार कया तुम थे बी ये खैयाल
कैल रचे हुलु कैल रंगे हुल
इनि रंगमत बहार ये पहाड़
देकि ले देकि ले
गेल्या आ देकि ले

जख देक वख हैरी हैरी
मळमळी मयाल्दी घास
टुकु नीलू सरग ह्युं चलूँ को घार
भेंटि जा ऐन स पैल यख मौल्यार
देकि ले देकि ले
गेल्या आ देकि ले

देकि ले देकि ले
गेल्या आ देकि ले
ये मेरा हिमाल यख पसरयाँ
ये हैरा भैरा बुग्याल
देकि ले देकि ले
गेल्या आ देकि ले

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ