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नी रेणू रे सदनी





नी रेणू रे सदनी

नी रेणू रे सदनी ,कैल कैका पास रे
नि बांद रे गठरी ,झूठी यख आस की

खेल यख मण्ड्यूं च बाजी बिछी तास की
भेद मनखी उपजला जीत या हार की

स्वास मा चडी च नाड़ी या बीमार च
दवाई दारू लगीच तिमरदारी सुख्यं लखड़ु की

न देक देक भैर भीतर बी झाक तू
आंधार मा लुक्युं च बल यू भौला कु उजाळु च

कैल नि कमै पाई कैल नि जमै पाई
जीकोडी अल्जी रेगे बस माया कु मायाजालु च

नी रेणू रे सदनी ,कैल कैका पास रे
नि बांद रे गठरी ,झूठी यख आस की

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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