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सबि यक बिकयां छन


सबि यक बिकयां छन

सबि यक बिकयां छन,बिकयां छन
ढुंगा गारा धारा छाला बिकयां छन

क्वी नि यक कै कु वि सबी बिखरयाँ छन
कूड़ा गौंऊ अपरा पराया बिखरयाँ छन

गढ़ देश कु क्वी नि रयुं यक रै-गुंसाईं
ध्यानी सबी अपरा अपरा मन्ख्यों दगडी लग्यां छन

कैल सुचण यक कैल बिगण कैल ऐकन मेरु
यक की खैरी विपदा पीड़ा कैल भोगण यक

यक बाट ऊँ यकुल्या बाटा ऊ बणयां
जोड़ा चप्लों का चढ़े की कैल बौडी ऐन

मि त लग्युं रोंलो तुमरि जिकोड़ी झुरुलु
ऐ बी जालु क्वी परती की बस इनि बाट हेरलु

सबि यक बिकयां छन,बिकयां छन
ढुंगा गारा धारा छाला बिकयां छन

क्वी नि यक कै कु वि सबी बिखरयाँ छन
कूड़ा गौंऊ अपरा पराया बिखरयाँ छन

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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