लाटा बोई बाटू हेरनी ऐजा
देख्णु बी नी कया कनु वहलु
लाटू मेरु दुधा को
केले रोसो वहलू किले नी आन वहलु
परती को ऐ पहाड़ को
देख्णु छों मी बाटू तेरु ऐ
तू ऐजा ऐ घार दौड़ी की
कब जान अब
ऐजालु व्ख जना कु संदेशो
देक देर नि कैर छुचा अबैर नि कैर
बची छी दोई सांसी
देक विं का छुटन से पैली
देके दे तेर मुखडी स्वानी सी
देख्णु बी नी कया कनु वहलु
लाटू मेरु दुधा को
केले रोसो वहलू किले नी आन वहलु
परती को ऐ पहाड़ को
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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