ये दीदा क्ख्क छे तू
ऐ पाडे मा
ये उकाले मा
ये दीदा क्ख्क छे तू
ये गढ़वाले मा
म्यारा गौं घारे मा
ये चढ़ते उकाले मा
खोजी खोजी
क्ख्क ना मिली
बौ बौजी यकुली दीकी
छनी गोठ्यारे मा
चौका पंतदेर छाले मा
ये दीदा क्ख्क छे तू
ये गढ़वाले मा
यक देकि वक देकि
दीदा मिल ते थे देक
क्ख्क क्ख्क देकि
हर्ची गे तू बिरडी गै
ये उंदरु का बाट जब तू चलगे
ये दीदा क्ख्क छे तू
ये गढ़वाले मा
ऐ पाडे मा
ये उकाले मा
ये दीदा क्ख्क छे तू
ये गढ़वाले मा
म्यारा गौं घारे मा
ये चढ़ते उकाले मा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ