वो उधार अब भी बाकी है
एक उम्र हो गयी है ,वो उधार अब भी बाकी है
माँ तेरे आँचल का ,वो प्यार अब भी बाकी है
एक उम्र हो गयी है ,वो उधार अब भी बाकी है..............
उन बूढी आंखों को किसका इन्तजार अब भी बाकी है
उस कलेजे में ममता का धड़कता संसार अब भी बाकी है
एक उम्र हो गयी है ,वो उधार अब भी बाकी है..............
अंजुमन तेरे गीत का गुनगुनाता वो सार अब भी बाकी है
माँ तेरे पहले स्नेह प्रेम का वो पहला पाठ अब भी बाकी है
एक उम्र हो गयी है ,वो उधार अब भी बाकी है..............
रहूँ ना रहूँ इस धरा पर माँ तेरा वो उधार अब भी बाकी है
अधूरा संसार बिना तेरे माँ देख तेरा उधार अब भी बाकी है
एक उम्र हो गयी है ,वो उधार अब भी बाकी है..............
आ जाओ माँ तेरा उधार अब भी बाकी है
तेरे बेटे की तेरे लिये पुकार अब भी बाकी है
एक उम्र हो गयी है ,वो उधार अब भी बाकी है..............
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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