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तुझे लिखूं किस हाल में मैं


तुझे लिखूं किस हाल में मैं

दिल से लिखूं या दिमाग से मैं
तू ही बता दे ये मोहब्बत गजल
तुझे लिखूं किस हाल में मैं
दिल से लिखूं
या दिमाग से मै

उर्दू में लिखूं या तुझे हिंदी में मैं
तू ही बता दे ये मोहब्बत गजल
आयी है तू किस जंहा से
दिल से लिखूं
या दिमाग से मै

यथार्थ है या उड़ा दों कल्पना की दूकान मैं
तू ही बता दे ये मोहब्बत गजल
कैसे दूँ तुझे ऐतराम मैं
दिल से लिखूं
या दिमाग से मै

निखार इस तरह हर दिल को सुकन मिले
दर्द जब हंस हंस के बहे
तेरी लिखी मोहब्बत गजल
सब को खुद की जुबां लगे
लिख तू ऐसी गजल
मेरे फ़ल्सफ़ा मेरे हमसफ़र

दिल से लिखूं या दिमाग से मैं
तू ही बता दे ये मोहब्बत गजल
तुझे लिखूं किस हाल में मैं
दिल से लिखूं
या दिमाग से मै

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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