अलखनंदा
लट लट लाटी-काटी
गारा गारा नयारों छांटी
बोग नि धारा अलखनंदा कि....३
धौली गंगा,नंदाकिनी
पिंडारी ,मंदाकिनी बोई भागीरथी
ध्यै लगा नि अलखनंदा कि ....३
विष्णु प्रयाग,नंद प्रयाग
कर्ण प्रयाग,रूद्र प्रयाग औरि देव प्रयाग
ऐकि डुबकी लगा ऐ भक्ता अलखनंदा कि ....३
पाप हरणी दुःख निवारणी
मेरा पहाड़ों की माता राणी
जयकारा लगा दे अलखनंदा कि ....३
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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