देक तेरी लाडी थे
देक तेरी लाडी थे
आच नींदि नि आनि
आँखि ते बुलानि बाबाजी
मांजी मी रुलाणी
देक तेरी लाडी थे
आच नींदि नि आनि
रुसों बैठ्युं छों कुलण
जिकोड़ी ते धैय लगानि
आच बोई ने मार मि थे
मिल दाल भात नि खानि
देक तेरी लाडी थे
आच नींदि नि आनि
खुज्दा रैंद तै खुटा मेरा
झट ऐजा लाडी की बोल्यूं मानी
जब लगाली तै बडुळि बाबाजी
बिंग ले मिल ते थे हाक मारी
देक तेरी लाडी थे
आच नींदि नि आनि
देक तेरी लाडी थे
आच नींदि नि आनि
आँखि ते बुलानि बाबाजी
मांजी मी रुलाणी
देक तेरी लाडी थे
आच नींदि नि आनि
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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