देख्णु कया
देख्णु कया च
कया मीथै देके ग्याई
ऐ मेरी गीची
तू किले गप राई
अंडू अंडू बोल्यूं मि
मि किले फुंड ग्याई
ग्यानी ध्यानी मेरी
सब निखण व्हाई
कन बांजा पौड़ी
अक्लि सक्ली मा मेरी
ज़माना कु खुटु दगडी
किले मिल सिक्सरी काई
हरच्यूं छों यख
मि पुरता बिरडी ग्युं
कै बाटा ऐना घार
मि दीदों भूली गयुं
नि रैगै सैर
ये अब मेरा बाना
कै भाना ऐन मुल्क
ऐ मुख सात लुकी गयुं
देख्णु कया च
कया मीथै देके ग्याई
ऐ मेरी गीची
तू किले गप राई
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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