इस रंग बिरंगी दुनिया के
इस रंग बिरंगी दुनिया के
कुछ रंग चुराने आया हूँ
खोटा सिक्का प्रेम साथ मेरे
मै उसको चलाने आया हूँ
इस रंग बिरंगी दुनिया के
नीला रंग आकाश को ओढे
नदी संग बह सागर से मिलने आया हूँ
हरे रंग की चादर बिछाकर
फूलों के सारे रंग चुराने आया हूँ
इस रंग बिरंगी दुनिया के
मन की अभिलाष ये श्वेत रंग
सूरज मिल तेज फैलाने आया हूँ
कला रंग आत्मा और मथन
प्रज्वलित परमात्मा से मिलाने आया हूँ
इस रंग बिरंगी दुनिया के
पीला रंग पीतांबर पहने
वो बांसुरी की तान सुनने आया हूँ
इस बेरंग दुनिया में
मै खुशियों के रंग भरने आया हूँ
इस रंग बिरंगी दुनिया के
इस रंग बिरंगी दुनिया के
कुछ रंग चुराने आया हूँ
खोटा सिक्का प्रेम साथ मेरे
मै उसको चलाने आया हूँ
इस रंग बिरंगी दुनिया के
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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