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मै तो जलता ही रहता अंगारों पर



मै तो जलता ही रहता अंगारों पर

मै तो जलता ही रहता अंगारों पर
धुँआ तू किस लिये मुझे बैचेन कर जाता है
मै तो जलता ही रहता अंगारों पर

चाह है ना इन्तजार किसी का
पथ पर बैठ दिल किसका ख्याल करता है
ना कोई आया ना कोई यंहा आने वाला
पल पल दिल तू धड़कन बढ़ सा जाता है
मै तो जलता ही रहता अंगारों पर

रोने वालों पर हँसते हैं सब ना कोई रोने वाला
ये दुखड़े जी के आके ना कोई सीने वाला
पिलाते हैं सब यंहा जी भर आंसू मय के
लड़खड़ाते कदमों ना कोई मंजिल पहुंचाने वाला
मै तो जलता ही रहता अंगारों पर

जल जलकर राख सा एक रोज मै हो जाऊंगा
जलने के बाद ही शायद मै उससे मिल पाऊंगा
जब तक ना गिरेगा एक बून्द आंसू उसका मेरे लिये
मै तो यूँ ही अपने आप में जलता रह जाऊंगा
मै तो जलता ही रहता अंगारों पर

मै तो जलता ही रहता अंगारों पर
धुँआ तू किस लिये मुझे बैचेन कर जाता है
मै तो जलता ही रहता अंगारों पर

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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