जो रहना है रह जायेगा
जो रहना है रह जायेगा
तू छोड़ के इसे क्या पायेगा
जो रहना है रह जायेगा
लिखा था जो बिक गया अब
दिल था एक टुकड़ों में बंट जायेगा
जो रहना है रह जायेगा
बरसात रोते हंसते जायेगी
आँखों में बुँदे फिर भी आयेगी
जो रहना है रह जायेगा
बहना था वो बह गया देखो
अब उसे कैसे रोक पायेगा
जो रहना है रह जायेगा
हवा को झोंका पंछी उड़ जायेगा
उड़ गया ,छोड़ा घोसला याद आयेगा
जो रहना है रह जायेगा
जो रहना है रह जायेगा
तू छोड़ के इसे क्या पायेगा
जो रहना है रह जायेगा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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